वर्षों से मीडिया को राजनीतिक दलों द्वारा ‘अच्छे मीडिया’ के रूप में लक्षित किया जाता रहा है। हालाँकि, अब तक गोदी मीडिया शब्द का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति में ही होता था, लेकिन अब झारखंड की कोल्हान यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के पेपर में गोदी मीडिया को लेकर सवाल पूछे जाने से हड़कंप मच गया है.
प्रश्न से छात्र असमंजस में पड़ गए
पॉलिटिकल साइंस के पेपर में गोदी मीडिया को लेकर पूछे गए सवाल से छात्र भ्रमित हो गए. किसी को नहीं पता था कि इसका क्या और कैसे जवाब दिया जाए. कई छात्रों ने इस सवाल को छोड़ दिया तो कई छात्रों ने इसका जवाब भी दिया. इस सवाल को लेकर विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठन भी आमने-सामने आ गये.
गोदी मीडिया का सवाल क्या है?
मीडिया के बारे में विद्यार्थियों को भ्रमित करने वाला प्रश्न था, ‘अच्छे मीडिया से आप क्या समझते हैं?’ यह प्रश्न पांच अंक का था. अब इस मामले में विवाद बढ़ गया है. इस संबंध में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और डीन डॉ. राजेंद्र भारती ने कहा है, ‘यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी के बाद इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.’
एबीवीपी ने कुलसचिव से शिकायत की
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ समय से कोल्हान यूनिवर्सिटी के सिलेबस में गुड मीडिया और अर्बन नक्सलवाद जैसे विषय लगातार पढ़ाए जा रहे हैं. झारखंड के इस विश्वविद्यालय में चार वर्षीय यूजी (स्नातक) पाठ्यक्रम के दौरान ऐसी समस्या पहली बार आई है। अब मामले ने तूल पकड़ लिया है और एबीवीपी कोल्हान के संगठन सचिव प्रताप सिंह ने रजिस्ट्रार से शिकायत दर्ज करायी है. विश्वविद्यालय ने कहा है, ‘यह प्रश्न अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया था.’